सप्रेम नमस्ते!
हमें अक्सर ऐसा दिखता है कि, चुनाव जीतने के बाद हमारे जनप्रतिनिधी पॉंच सालों के लिये चुप्पी साध लेते हैं। हमारे जनप्रतिनिधी चुनाव जीतने के बाद काम नही करते यह हमारा सब का अनुभव हैं। पर कभी हमने सोचा है कि इन जनप्रतिनिधियोंसे काम करवाने के लिये हमने क्या पहल की हैं?
हमारे गली मे टाइल्स लगवानी हैं, सार्वजनिक शौचालय हमारी अहम जरूरत है, नाके पर खडे मवाली हमारी मॉं-बहनों की छेडखानी कर रहे हैं... आदी अनेक बाते हमारे ध्यान मे तो आती हैं, पर उन्हे हमारे जनप्रतिनिधी तक पहूँचाने के लिये हम क्या कुछ करते है? हमारे मन मे डर रहता है, मै तो अकेला हूँ, मै भला इसमे क्या कर सकता हूँ।
पर अगर ऐसा ही विचार करनेवाले और भी कुछ लोग हमारे आसपास हो तो? वे और मै एकजुट हो कर हमारी समस्याएँ हल करने के लिये प्रयास करें तो? हम सब एकजुट हो कर कुछ करें तो हमारे लिये क्या मुश्किल हैं? कहतेही है, मनुष्य तू बडा महान है, भूल मत।कुछ ही दिनों मे मुंबई महापालिका (नगरनिगम) चुनाव आ रहे है। हमारे जीवन मे यह चुनाव बडे ही मायने रखते हैं। इसीलिये यह चुनावे लडनेवाले उम्मीदवार हमारे लिये क्या करना चाहते हैं यह समझ लेना तथा उन्होंने हमारे लिये क्या करना जरूरी है यह उन्हे बताने का समय आ गया है।
गोरेगावकर नागरिक इस संस्थाद्वारा हम सब मिलकर यही करने की कोशीश कर रहे है। इस नाम से जैसा ध्वनित होता है, गोरेगाव मे रहनेवाले हम सब नागरिक इस संस्था के सदस्य है। सभी नागरिकों को संघटित करने का प्रयास गोरेगावकर नागरिक के माध्यम से हो रहा हैं। आप सभी को विनंती है की इस आंदोलन से जुडकर अपने संघटनशक्ति का अहसास करें।
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